नारी में ये अद्भुत क्षमता है कि
वह अपनी एक मुस्कुराहट मात्र से
पुरुषों को अपना गुलाम बना सकती है
और उनसे जो चाहे हासिल कर सकती है ।
विवाहित महिलाओं में
अपने पति को लूटने की अपार प्रतिभा होती है ।
क्योंकि जिस चीज़ को वे हँस कर प्राप्त नहीं कर सकती
उसे रो-रो कर प्राप्त कर लेती हैं ।
- पाखण्डी सन्त स्वामी अलबेलानंद
प्रवचनमाला से साभार
उफ़ नारियों की ये तौहीन
ReplyDeleteलगता है नारियों के शाप से वाकिफ नहीं हैं आप
अलबेलानन्द जी को प्रणाम्
ReplyDeleteधन्य हो बाबा अलबेलानन्द जी!
ReplyDeleteघर आने में रात को, पति हो जायें लेट।
तीन देवियाँ साथ हैं, चिमटा, बेलन, प्लेट॥
स्माइल ‘जगदलपुरी’
unka hansana bhi kayamat he
ReplyDeleteunka rona bhi shaamat he...
pati ka kyaa he ji roz banti hazamat he.
सत्य वचन...प्रणाम महाराज जी
ReplyDeleteहा हा हा!! मैंने कहीं प्रश्न पढ़ा था कि 'औरत के आंसुयों व मुस्कान में क्या अंतर होता है? तो जवाब मिला 'कोई अंतर नहीं होता, वह दोनों से अपनी बात मनवा लेती है' :-)
ReplyDeleteअलबेलानन्द जी को प्रणाम्
ReplyDeleteये जो लड़किओं के बाल होते हैं ,
ReplyDeleteलड़कों को फ़साने कि जाल होते हैं ..
खून चूस लेती हैं सारा ,
तभी तो इनके होठ लाल होते हैं ......
:).. achchha banaya naya blog bhi aapne, rachna sach ke ek sire ko ujagar kartee hai.. lekin sare nahin..:)
ReplyDeleteJai Hind...
kyaa puraanee-dhuraanee kathaa leke baithe ho.
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