आधुनिक नारी की स्वतन्त्र उड़ान को समर्पित एक नर कवि अलबेला खत्री का नया ब्लॉग
sahi hai.
सही है। दर्जा तो नारी का ही बड़ा है। आखिर वही जननी है।
राईट सर
मेरा तो ये मानना है कि आज की महिलाएं पुरुष से कुछ कम नहीं! इसलिए अब महिला और पुरुष में कोई अंतर नहीं बल्कि दोनों ही बराबर है!
sahi hai.
ReplyDeleteसही है। दर्जा तो नारी का ही बड़ा है। आखिर वही जननी है।
ReplyDeleteराईट सर
ReplyDeleteमेरा तो ये मानना है कि आज की महिलाएं पुरुष से कुछ कम नहीं! इसलिए अब महिला और पुरुष में कोई अंतर नहीं बल्कि दोनों ही बराबर है!
ReplyDelete