Tuesday, August 21, 2012

michhami dukkadam from hasyakavi albela khatri

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Thursday, July 26, 2012

यह तैयार हो कर हिंगलाज भक्तों तक पहुंचे, इसका प्रयास मैं कर रहा हूँ

प्यारे मित्रो !

यह बताते हुए  मुझे अत्यन्त ख़ुशी है कि  आदि शक्ति  देवी हिंगलाज

 के भजनों और स्तुतियों पर आधारित  एक शानदार  वीडियो

"जय माँ हिंगलाज" के निर्माण ने अब तेजी पकड़ ली है  और शीघ्र ही 

यह तैयार हो कर  हिंगलाज भक्तों  तक पहुंचे, इसका प्रयास मैं कर

रहा हूँ


-अलबेला खत्री

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Thursday, June 10, 2010

सुश्री अंकिता किशोरकुमार वारडे किया नाम रौशन !






















शाबास अंकिता ! ! !

अंकलेश्वर निवासी ब्रह्मक्षत्रिय परिवार की

एक कन्या ने अपनी मेधा और प्रतिभा से अपने पूर्ण परिवार

का नाम आलोकित किया है


श्री किशोरकुमार नन्दकिशोर जी वारडे की सुपुत्री सुश्री अंकिता

वारडे ने कक्षा 12 कॉमर्स (CBSE) अंग्रेजी मीडियम में 92.68%

अंक प्राप्त किए और अंकलेश्वर की चंद्रबाला मोदी एकेडेमी में

तीसरा स्थान प्राप्त करके केवल अपने परिवार का औए स्कूल

का बल्कि पूर्ण ब्रह्मक्षत्रिय समाज का गौरव बढाया है इस सुनहरी

सफलता का समूचा श्रेय अंकिता अपने माता -पिता गुरुजन को

देते हुए विश्वस्त है कि भविष्य में भी उसे इसी प्रकार अपने

अभिभावकों अध्यापकों का आशीर्वाद मिलता रहेगा



सुश्री अंकिता वारडे आगे C.A./ एक्यूटरी कर, समाज एवं देश

की सेवा करना चाहती है



मारवाड़ी ब्रह्मक्षत्रिय समाज हेली विभाग की ओर से अध्यक्ष

श्री मनहर लाल काकू की हार्दिक बधाइयां और ब्रह्मक्षत्रिय

समाचार की ओर से शुभ कामनाएं


-
अलबेला खत्री



Saturday, May 22, 2010

इसीलिए मेरी तुलना धरती से की गई है रे पुरूष !




तुमने सिर्फ़ उड़ान देखी है ............

पीड़ा नहीं देखी मेरे परों की

जो तुमने क़तर डाले


ख़ून नहीं देखा तुमने बहता हुआ

क्योंकि तुम

देखना ही नहीं चाहते दर्पण

तुम्हें तो चाहिए बस समर्पण


हर हाल में,

हर सूरत में


क्योंकि तुम शोषक हो जन्म-जन्मान्तर से

संस्कार पुराने जायेंगे नहीं

सुविचार तुम्हें भायेंगे नहीं


लेकिन मैं !

मैं तो माँ हूँ................


सब की माँ हूँ

मानव तो मानव

रब की माँ हूँ


इसलिए ममता से आकंठ लाचार हूँ........

और हर दर्द सहने के लिए तैयार हूँ


मैं दर्द बाँटती नहीं,

पी लेती हूँ

वेदना को गाती नहीं,

जी लेती हूँ

इसीलिए मेरी तुलना धरती से की गई है रे पुरूष !

और तेरी आसमान से ।


क्योंकि तू तो जब तब रो लेता है

और अपने सारे पाप धो लेता है

लेकिन मैं !

मैं वह तपस्विनी............


जिसका कोई भी क्षण पतित नहीं होता

साँस का स्पन्दन भी

धर्माचरण की लय से रहित नहीं होता

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Thursday, May 20, 2010

माँ के हाथ का खाना छप्पनभोग से भी अच्छा लगता है




बेटा
कितना भी बड़ा होजाए
माँ के सामने बच्चा लगता है
माँ के हाथ का खाना
छप्पनभोग से भी अच्छा लगता है

मैंने अपनी पत्नी से कहा भाग्यवान !
तू रोटियां मेरी माँ जैसी बना दिया कर

वो बोली
बना दूंगी ,
तू आटा अपने बाप जैसा गूँथ दिया कर

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Sunday, May 16, 2010

पीर परायी अनुभव कर ले ..इतनी तेरी बिसात कहाँ ?





अरी निर्लज्ज,

निष्ठुर और निर्योग्य रेल मन्त्री !

तू और तेरे अधीनस्थ तमाम तन्त्री

दुखी होने के बजाय पीड़ितों का दिल दुखा रहे हैं

अपनी दुर्व्यवस्थाओं को जनता की भूल बता रहे हैं


हद है

हद है

हद है


ममता बनर्जी, तेरी बेशर्मी हद पर है

गज़ब ये है कि तू अभी तक पद पर है


जनता और जन का दर्द !!!!!!!!

तू क्या जानेगी ?

जान लेती, अगर तू भी एक आध जनती...........

तेरे जने हुए के साथ ये घटना बनती...........

पीर परायी अनुभव कर ले ..इतनी तेरी बिसात कहाँ ?

और तुझे पदच्युत कर सके

मन्नूजी के नपुंसक शासन की इतनी औकात कहाँ ?


अफ़सोस.........

अफ़सोस.......

अफ़सोस........


कोई सुनने वाला नहीं है शिखंडियों की सरकार में

सब साले धूर्त और कसाई बैठे हैं दिल्ली के दरबार में







Monday, March 8, 2010

नारी संसार का सार है

नारी संसार का सार है

- कन्फ्यूशियस





















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