तुमने सिर्फ़ उड़ान देखी है ............
पीड़ा नहीं देखी मेरे परों की
जो तुमने क़तर डाले
ख़ून नहीं देखा तुमने बहता हुआ
क्योंकि तुम
देखना ही नहीं चाहते दर्पण
तुम्हें तो चाहिए बस समर्पण
हर हाल में,
हर सूरत में
क्योंकि तुम शोषक हो जन्म-जन्मान्तर से
संस्कार पुराने जायेंगे नहीं
सुविचार तुम्हें भायेंगे नहीं
लेकिन मैं !
मैं तो माँ हूँ................
सब की माँ हूँ
मानव तो मानव
रब की माँ हूँ
इसलिए ममता से आकंठ लाचार हूँ........
और हर दर्द सहने के लिए तैयार हूँ
मैं दर्द बाँटती नहीं,
पी लेती हूँ
वेदना को गाती नहीं,
जी लेती हूँ
इसीलिए मेरी तुलना धरती से की गई है रे पुरूष !
और तेरी आसमान से ।
क्योंकि तू तो जब तब रो लेता है
और अपने सारे पाप धो लेता है
लेकिन मैं !
मैं वह तपस्विनी............
जिसका कोई भी क्षण पतित नहीं होता
साँस का स्पन्दन भी
धर्माचरण की लय से रहित नहीं होता

the great tenis star monica seles with hasya kavi albela khatri & his grup at L.A. air port USA
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