आधुनिक नारी की स्वतन्त्र उड़ान को समर्पित एक नर कवि अलबेला खत्री का नया ब्लॉग
Sunday, May 16, 2010
पीर परायी अनुभव कर ले ..इतनी तेरी बिसात कहाँ ?
अरी ओ निर्लज्ज,
निष्ठुर और निर्योग्य रेल मन्त्री !
तू और तेरे अधीनस्थ तमाम तन्त्री
दुखी होने के बजाय पीड़ितों का दिल दुखा रहे हैं
अपनी दुर्व्यवस्थाओं को जनता की भूल बता रहे हैं
हद है
हद है
हद है
ममता बनर्जी, तेरी बेशर्मी हद पर है
गज़ब ये है कि तू अभी तक पद पर है
जनता और जन का दर्द !!!!!!!!
तू क्या जानेगी ?
जान लेती, अगर तू भी एक आध जनती...........
व तेरे जने हुए के साथ ये घटना बनती...........
पीर परायी अनुभव कर ले ..इतनी तेरी बिसात कहाँ ?
और तुझे पदच्युत कर सके
मन्नूजी के नपुंसक शासन की इतनी औकात कहाँ ?
अफ़सोस.........
अफ़सोस.......
अफ़सोस........
कोई सुनने वाला नहीं है शिखंडियों की सरकार में
सब साले धूर्त और कसाई बैठे हैं दिल्ली के दरबार में
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धमाकेदार लिखा खत्री साहब !
ReplyDeleteप्रशंसनीय ।
ReplyDeleteआम आदमी ऐसे ही मरता आया है कौन सुनता है भला
ReplyDeletekamaal kar diye, lekin kisi ko sunai de tab to.
ReplyDeleteकोलकता से बाहर निकलेंगी नहीं और मैडम रेल मंत्रालय छोड़ेंगी भी नहीं......सत्ता का मद इनपर भी चढ़ता जा रहा है। तभी तो इनके एक चमचे ने एक महिला पत्रकार को धमकी दी थी कि रेप करवा देगे पता भी नहीं चलेगा..वही पत्रकार जब ममता संघर्ष कर रहीं थी तो उनका साथ दे रही थीं...
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